Wednesday, June 18, 2008

ज़ख्म अच्छे होते हैं

अपनों मे ना गिनो के ज़ख्म सब पराये ही अच्छे होते हैं
मरहम को पूछो पता ज़ख्म के उनका तो बसेरा एक सपना ही होता है

No comments:

Post a Comment