Thursday, August 12, 2010

काम धंदा नहीं था तो भड़ास निकाल रहा था


आज एक कुत्ते ने एक आदमी को काटा पर वो आदमी ने तो कुत्ते को नहीं कटा शायद कुत्ते कोभूल लगता है इसलिए उसने कटा होगा पर भूक तो मुझे भी लगता है पर मे नहीं काट ता मे खाना खता हूँ जो मेरी बीवी बनाती है पर बीवी को तो मे बनता हूँ जब वो मुझसे नई वाशिंग मचिन के लिए बोलती है पर वो मुझे नहीं बनाती है बन ता तो हलवा भी है राज भवन मे पर राज भवन तो चेन्नई मे हैं अरे मे भी तो चेन्न्ने मे हूँ पर चेन्नई किधर है वो मुझे नहीं पता पता पूछने गया था किसी को तो उसने मुझे बहूत घुमाया था दिल्ली मे पर घुमाया तो मे बी था छोटे भाई को मर वो गुस्सा नहीं खुस हुआ था खुस तो मेंढक भी होता है पहली बारिश मे बारिश अभी होने वाली है क्या मे छाता नहीं लाया लाया तो मे खाने का डब्बा भी नही आज मोटी ने चुदाफ्री बनाया था नाश्ते मे मैंने आधा खाया था बाकि उसने खा लिया होगा सुभे से गुस्सा थी मुझपे पता नहीं किस लिएपर मे खुस हूँ काम कर कर के थक गया एक मेनेजर को गाली भी दी मन ही मन मे पर मन तो अछा फिल्म था मैंनेदो बार देखि है टीवी पे टीवी स्टैंड भी ले लिया मैंने नयावाला पर उसमे मेरा उपस भी है जो मैंने किश्तों मे लिया थामेरा किश्त तो अभी बाकि है बैंक मे बैंक मेनेजर को पटना पड़ेगा इसके लिए फ़ोन करता हूँ अभी...

काम धंदा नहीं था तो भड़ास निकाल रहा था॥ पढ़ के खुसी हुई तो कमेंट डाल के कलटी मारो...

अंधा कुआँ और मे



किसीने सच ही कहा था के "अगर आप अंधे कुँए मे से गुज़र रहे हैं तो बस चलते रहिये... उजाला कहीं तो आपका
इस्तकबाल करेगी॥" ये अब मेरे साथ सच साबित हुई है और मे भी करूँ तो क्या बस चलते रहने के सिवा। बस अब उम्मीद है के उजाला जल्द ही आयेगी और मुहे रोशन करें ..