Monday, September 22, 2008

यूँ मुस्कुराता हूँ मैं

लिए यादों को उसकी जेहेन मै, यूँ चला जा रहा हूँ मैं
ज़िन्दगी के अनदेखे जैसे मौत पिए जा रहा हूँ मैं
आहट ना आए किसी को कभी इस कदर यूँ
तभी शायद लबो से हमेशा यूँ मुस्कुराता हूँ मैं

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