ता-उम्र करते रहे हम सजदा उसका
छुपाये जैसे गुनाह सभी लेके एक नाम उसका।
उम्र बीत गयी आंखों मैं उनके कभी जो यूँ
पढ़ पाए कभी दो लज्ज, तो बस मोहब्बत उसका
कर चले हम मोहब्बत को उसके नसीब अपना
कहर खुदा का ऐसा के देखो न हुए वो हमारे न खुदा उसका
ये ब्लॉग उन लोगों को समर्पित है जो जीवन के प्रतिस्पर्धा मे आगे बढ़ने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं । उन्हें पता है की उनके पास कोई जादुई छड़ी नहीं है और ना ही कोई ऐसा है जिसकी छत्रछाया मैं रहके या जिसके स्पर्श मात्र वे आस्मां की बुलंदियों को जीत लेंगे , परन्तु ये ख़ुद मे भरोसा करते है और अपने क्ष्य्मता और परिश्रम के बल पर सारी दुनिया जीतने की ताक़त रखते हैं। ये ब्लॉग उनके सपनो को और उनके हौसले को सलाम करता है और इश्वर से यही प्रार्थना करता है की सफलता हमेशा इनके कदम चूमे ...
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