कल मैं मयुषा से बात करो रहा था और उसकोबातें सुनके बिन हसे रह नहीं पाया। मोहतरमा किसी एक लड़के के साथ मेस्सेज मेस्सेज खेल रही हैं और ये अच्छे खास कुछ दिनों से चल रहा था। मुझे बताया भी था। क्यों न हो जब मेस्सेजे भेजना मुफ्त हो तो इंटेरेस्ट तो बनता है न। तो बहुत साडी बातें होती रही। आखिरकार वो दिन अरे ही गया जब मैडम उससे मिलने गयी...मैडम उसके बताये हुए जगह पर पहंच के उसे फ़ोन किया और उसे दूर से ही पहचान लिया। बस फिर बात थी उल्टे पाऊँ भाग खड़ी हुई। और कल जब उसको वो बयान करो रही थी उसकी बातें सुन ने लायक थी। बोली के थोड़ा मोटा था मैंने पूछा थोड़ा तो बोली नहीं काफी मोटा था ... काला सांड की तराह दिख रहा था ... ऊपर से पीले कपड़ो मैं एक मूछों वाले अंकल से कम नहीं दीख रहा था वो। बोली सबसे अछा लगा उसकी मूछें ... वोबोले जा रही थी और मैं हसे जा रहा था... क्या डेट है ....
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