डरता हूँ अंधेरे से मैं ये पता था उन्हें मगर
बिछड़ के मुझसे रौशनी मेरी ही मिटा दी
इतराता था मोहब्बत बन के जिसका कभी
केह्के बेवफा जालिम ने दिल ही तोड़ दिया
ये ब्लॉग उन लोगों को समर्पित है जो जीवन के प्रतिस्पर्धा मे आगे बढ़ने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं । उन्हें पता है की उनके पास कोई जादुई छड़ी नहीं है और ना ही कोई ऐसा है जिसकी छत्रछाया मैं रहके या जिसके स्पर्श मात्र वे आस्मां की बुलंदियों को जीत लेंगे , परन्तु ये ख़ुद मे भरोसा करते है और अपने क्ष्य्मता और परिश्रम के बल पर सारी दुनिया जीतने की ताक़त रखते हैं। ये ब्लॉग उनके सपनो को और उनके हौसले को सलाम करता है और इश्वर से यही प्रार्थना करता है की सफलता हमेशा इनके कदम चूमे ...
aapki rachna ki prshnsha me jitna bhi khoon km hai.... smrpit rhiye..
ReplyDeleteबहुत बढिया लिखा है।
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