Saturday, August 30, 2008

लिखता भी तो दर्द है ...

रात की कलि स्याही को दिल मैं कुछ ऐसे उतरा है

की कमबख्त लिखता भी तो दर्द है ...

Friday, August 29, 2008

मैं और मेरी चित्रकला ...

कल रात नींद को पलकों पे बिठा ते बिठाते बहुत रात गुज़र गया। जैसे एक ज़ंग मेरे अन्दर चल रहा था। टीवी की उत्तेजना भरी आवाज़ से परे मेरा मन किसी और चीज़ को तलाश रहा था। न जाने वो चीज़ उसे मिला के नहीं। बहुत देर तक बिस्तर पे पड़े पड़े नींद को तरस रहा था पर फिर भी नहीं आयी । अचानक अपनी diary का ख्याल आया तो मैं उठ बैठा। दो पल धुन्दने के बाद मुझे मेरी दिअरी मिल गया और साथ में पड़ा एक पेंसिल भी मिला। जाने क्या आया दीमाग मैं अपने मन्दिर के दीवार पे मैं एक दिया का चित्र आंकने मैं व्यस्त हो गया। मैंने अपने अन्दर कभी चित्रकला की इतना आग्रह नहीं देखा था। जिसने कभी सीधी लकीर न खींची हो उसके दीमाग मैं चित्रकला की रूचि कुछ अजब लगा। मात्र मैं इन सब भावनाओं से दूर उस दियी को आंकने मैं लगा गया। मेरे diary मैं अंकित दिए को देख देख के मैंने दिए को एक पूर्ण रूप देने मैं सफल हुआ। उसे कुछ देर पहले मेरे आराध्य गणपति की एक छवि भी मेरे पेंसिल से दीवार पे प्रकट हुए । मेरे सरे बंधुगन मुझसे दूर हो चुके हैं और कल अकेला बैठा था तो उनके यादों के साये भी मुझे बिचलित कर रहे थे। जाने कैसा अजीब सा एक बातावरण बना हुआ था कल मेरे गरीबखाने मैं । ये सब सोच जब दीमाग मैं खलबली मचा रहे थे तभी धीरे से मेरे ज्ञान से परे एक गहरी कलि रात ने मुझे नींद के हवाले करते हुए अपना फ़र्ज़ निभाया और मेरे चढ़ती उतरती ज़िन्दगी को एक अल्प्बिराम देते हुए मुझे कुछ राहत दी...

Wednesday, August 27, 2008


एक खुदा ही तो किस्मत लिखता है और मिटा ता भी
मैं तो एक तिनका हूँ तूफ़ान भी उसका ..... समंदर भी ....

Tuesday, August 26, 2008

the pursuit of happiness.


The day before yesterday was a day wherein i got to realize my dream . For the first time i realized that i too have something to do on this earth. Even i had many a plans for life but in my career i got a new direction and got a new destiny and since then i am feeling restless to make it a reality. This all happened because of a Hollywood film namely " the pursuit of Happiness". I was a good fan of Mr.Will Smith and i had witnessed him in independence day and liked his performance and the day before yesterday after seeing the Movie I am a die had fan of the ace actor. I am impressed about his dynamic personality and would love to meet him once in my life. This is because of him only i am able to find my goal in life and the day will come when i will write my success story and will be a better satisfied man. till then its all a top secret...

in sa allah ...amen

Friday, August 22, 2008

रक्ष्या बंधन

अंततः कल मैंने रक्ष्या बंधन मन लिया। वैसे तो १६ तारीख को था पर हमारी बेहें साहिबा को टाइम कहाँ था हमारे लिए। उनको याद आतातब तक ४ दिन गुज़र चुके थे। पर कमबख्त को याद था और क्यों की वो अपने घर पे थी चार दिन कुछ नहीं खाया है ढक्कन ने । कल बड़े मुद्दतो बाद मे उसे मिला उअर खुद सेंटी हो गया। वो भी कुछ ऐसी ही थी । गाड़ी मे बैठते ही उसने राखी बंधी और उसकी आँखों मैं आंसू । पुरे रस्ते वो रही मैं पूछता रहा ... मेरे सवाल नहीं ख़तम हुए पर रास्ता ख़तम हो गया। उसने गाड़ी भी ले लिया है ... जिम्मेदारिया समझने लगी है और बड़ी हो गयी है । अछा लगा उससे मिल कर। जाते जाते मैंने कहा के कभी जरुरत पड़े तो याद कर लिया कर तो सवालिया नजरूं से देखने लगी...खैर खुस रहे वो और इसे ज्यादा कुछ नहीं चैहिये मुझे...

Wednesday, August 20, 2008

The most debated Issue across Borders ( Kashmir)

These days the international Community is keeping eyes on Pakistan as musharraf Resigns and the valley of Kashmir Because of the Issue with the land dispute with the Amarnath Shrine Board. With Mushraff resigning on his terms and conditions the pakistani Government is ready to announce the next president's name. But the the issue with the land dispute with the Amarnath shrine Board is very much Intensifying day to day. I clearly dont know when the land dispute issue became an issue of Freedom of the Kashmir Valley. The kashmir dispute is not a day old issue but it is a 61 year issue between to neighbouring country. This part of Land on the Himalayan foothills has been in news and a National agenda for Pakistan. Even It has landed few wars between the two countries and resulting into the birth of a third country Bangladesh,but still pakistan is having issues with Kashmir. This issue did not get any hype in Indian or International media as the international community too considers this as an integral part of India. Pakistan has a national agenda for the country and have declared kashmir as a national issue and that is the reason Kashmir is important for pakistan. Again pakistan has no national agenda and not having any vision in any field. That may be a reason for which every Political or the army ruler has put Kashmir as a national issue for pakistan to drive popularity and votes for the party. The general public and the economic condition of the country pakistak is too bad but the government is least bothered about that but they spend huge money on defence expenditure and in the name of security. Recently the Amarnath shrine board had got some land as its property but some dispute happened and the land was taken away and the Governor was transfered by the Congress Let UPA Govt in Delhi. That is where it all started and till date its hunger strikes,Road blockages to national band has been observed to protest the moov. people with every religion have participated in the issue... This is the way how kasmir was in news again. Few political parties again playing dirty politics and the agenda is now shifted from Amarnath shrine board to the Issue of Kashmir and its freedom. Again VHP and other Hindu Extremists too taking this opportunity to ignite Communal insurgency in different part of the country. The UPA govt is much serious about the issue as the Prime minister has urged all Political parties to get the issue resolved in a better and quickest way to retain peace in the valley. Yesterday I read that Arundhati Roy too has written that people of Kashmir want freedom from India and Pakistan. Who the Hell is she to say this. I think She is just misusing her popularity to draw some cheap popularity. Lets just refrain from the unnecessary agitating and cheap politics and let the issue be resolved ASAP. Anyway we have leaders from the state of jammu and Kashmir and we have an Assembly as well in the state. Please Let them do their work and lets don't disturb and create agitation in between.
( this is my perception and altogether my views on the issue.. if you have anything to say you are welcomed to put comments)

Tuesday, August 19, 2008

india in Beijing olympics 2008

Monday it was a big blow to the Indian Hope for Medals in the ongoing Beijing Olympics when Akhil Kumar lost his match, a win could have placed him in the run for a medal. But in a clear 3 set defeat by Moldovan Veaceslav Gojan in the quater final. The Haryana Boxer had high hopes for a medal in the race but the loss put him into a frustrating situation. The whole match was dominated by the ace Boxer Gojan who did not allow Akhil to get a punch by his excellent back footwork. It seemed Gojan was well prepared and Akhil seemed less worked out on his game plan. He missed the bulls eye with shere ambition with out a strategy. With this loss Akhil who had created a joyful ambiance in the Indian squad i beijing is out of the Game. With this the medal winning hope have shifted their base to Bijeinder and Jitender who will be playing their quarterfinal matches to the hope to win medals in nest matches. Lets wish them Best Of Luck...

वो श्याम, वो रात, वहीं आँखें और वही अस्क


कल पुरी रात वो बोलता रहा और मैं सुनता रहा। उसकी ज़िन्दगी की सारी कहानी नशे मे धुत जैसे उसकी जुबान से बिन पूछे ही बयान हो रहा था। ज़िन्दगी , माँ बाप, रिश्तेदार और उसकी बातें करता रहा। कुछ पल के लिए वो बदल गया था और पुराना कॉलेज वाला गुलरेज़ बन गया था। बड़े दिनों के बाद उसे ऐसे दिल खोल के हस्ते हुए देखा तो अछा लगा। जाने मुझे ऐसा क्यों लगता है की उसके पास कुछ jओ मैं जितना पास जाता हूँ एक अजीब सी कौतुहल लगता है । उसको देखूं तो लगता है के वो खुदा के बहुत करीब है और हमेशा उसकी ये बातें मुझे उसके करीब रहने को उकसाता है। बहुत दिनों बाद वो कल खुल के बोला। मुझे जितना याद है आज तक उसने कभी इतनी खुल के कभी बात नहीं की पर जाने क्यों कल शराब की दो घूँट उसे सब कुछ बुलवा रहा था। उसने कभी किसी चीज़ को लेके कभी परेशान नहीं हुआ। घर मे हुए समस्याओं के लिए उसके हसी खुसी अपनी भविष्य से मुह मोड़ लिया.उसके लिए उसके माँ बाप सबसे ऊपर हैं इस लिए शायद उसने ऐसा किया। कभी उसने किसी के आगे इतना रोया नहीं जितना वो कल रोया। और वो भी किस लिए एक लड़की के लिए जिससे वो अपना Lucky Charm समझता है। मुद्दतो बात कल वो पुरी रात उसे याद करता रहा और को याद करता रहा उसे और उसके साथ बिताये गए वो दिन। सब कुछ ठीक था दोनों मैं पर जाने क्या हुआ धीरे भिरे वो बदलने लगी पर आज भी ये उसी तराह उसकी इंतज़ार मैं है। इसे आज भी अपने खुदा पे भरोषा है, उसपे भरोसा है की वो वापस आयेगी इसकी सपनो की दुनिया मैं। मैंने रियल लाइफ मे किसीको किसी से इतना प्यार करते हुए पहली बार महसूस किया है। खुदा से उसको कोई गिले शिकवे नहीं है । इतना कुछ होने के बावजूद भी वो अल्लाह के और करीब नज़र आया। वो तो पहले से ही उसके बहुत करीब था पर ज़िन्दगी की तकलीफों ने उसे उसके और करीब कर दिया है। भले ही वो बड़ा हो गया है और परिपक्वा हो गया है पर दिल का बहुत साफ़ इंसान है। शायद ऐसे ही कुछ लोगों के लिए ज़िन्दगी इतनी खूबसूरत है। खुदा से दरख्वास्त है की उसे उसकी मुकम्मल हक अदा करें ....

Friday, August 15, 2008

- ६१ वा स्वाधीनता दिवस -

आज सुबह स्वाधीनता दिवस की सुबह दुर्दर्शन पर पृधान मंत्रीजी का रास्त्र को संबोधन सुन के मन बीच्लित हुआ। जहाँ हम अपनी सालाना budget का एक दशक भाग rakshya पृरणाली को सुदृढ़ बनने मे kharch करते हैं वहां आज पृधान mantree जी की भाषण से आतंकबाद के ख़िलाफ़ हमारी बेबशी साफ़ झलक दीया। जहाँ Abhinab ने swarna पदक जीत भरक के खेल इतिहास मैं एक नील का पत्थर रख दिया वहां पिछले महीनो हुए बिशोतों ने देश के सुनहरे सफर मे एक और काला दाग छोड़ दीआ। आज भारतीय मुक्केबाज अखिल ने दुनिया के सर्वस्रेस्था मुक्केबाज को प्रतियोगिता मे हरा के भारत को एक और पदक जीतने की उम्मीद बचाए रखा। जहाँ पुरा देश ६१ स्वाधीनता दिवस मनरहा था तब सीमा पर से pakistani bandhukoo ने हमारा इस्तकबाल कीया। पिछले २४ घंटे me सीमा पर से गोलीबारी की ये दूसरी घटना है। एक ख़बर ने तो गणमध्यमोम की नकारता को सामने लेन मे कोई कसार ही नहीं चोदी। अमर उजाला जो की एक राष्ट्रीय पत्रिका है उनके लेख्कूं ने भारत को ६२ वा स्वाधीनता दिवस मानाने पे जैसे मजबूर ही कर दीआ। जहाँ दर्ब्रिधि इतनी बढ़ गयी है वहां शायद ये समय को जल्द पीछे छोड़ के आगे बढ़ने को प्रयासरत हैं। ये साबित करता हैं की अखबार मे छापी खबर कितनी संजीदा हो सकती हैं। मैं उन संपादकों से अनुरोध करूँगा के वो गंमध्यमोम की महत्व समझे और प्रकाश करने से पहले Proof reading pe jyada dhyan dein.

jai hind

- jr

Thursday, August 14, 2008

धर्मद्रोही कौन !!!

कल खबरों ने दिल को देहला दिया। विश्व हिंदू परिषद् के द्वारा किया गए बंद के कारन राजधानी दिल्ली मैं साधारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। आम आदमी जो की निजी काम के लिए घर से बहार आया था इस बंद के कारन हैरान और परेशान दीखा। यहाँ तक तो ठीक है क्यों के गांधीजी ने भी ऐसे ही अहिन्षा के अस्त्र अपना कर अपने आन्दोलन आगे बढाया था। पर ये कैसा बंद था जिसमे स्वास्थ्य से पिडीत व्यक्ति विशेसों को चिकित्षा से बंचित कर उन्हें मृत्यु के आधीन कर दिया। कल जैसे मैं उन लोगों के प्रति अपने क्रोध व्यक्त अकरने हेतु अक माद्यम की तलाश मैं था। पर सत्ता और आसन के मोह मे अंधे कुछ अमानुषों के कारन कल दो लोगों को अपने जान से हात धोना पड़ा। उनको समय पर शिकित्सा उपलव्ध किया जाता तो शायद वो अभी जीवित होते। पर धर्म के आड़ मे कुछ अमानुषों के कारन आज वो नहीं रहे। क्या कोई धर्म ये करने को अनुमति देता है । किसी भी धर्म और प्रथा मनुष्य के मूलभूत जरूरतों से अधिक नहीं है । जहाँ लोगों को दो वक्त का खाना और पीने को स्वचा पानी न नसीब हो उनके लिए धर्म और व्यवहार कितने गुरुत्वपूर्ण हैं। बहुत बार ऐसा हुआ है के मनुष्य अपनी स्वार्थ और प्रगत्ति के लिए दूसरो के मनावाधिकरों को पैरों से रोंद कर जस्न मनाता है । हम आज पुरे विश्व मैं शान्ति प्रिय देश के रूप से जाने और माने जाते है। पर कुछ ऐसे घटनाये हमारे सुनहरे व्यक्तित्य पर एक लांचन नहीं है । जब सारा विश्व प्रगति के पथ पर हमारे राह को प्रशंशा के चक्षु से निहार रहा है क्या हमारे सामाजिक मूल्यबोध हमसे dur हो रहे हैं। मैं नहीं जानता के कौन सा धर्म क्या है और क्या करने को उत्साहित करता है पर हाँ इतना तो तय है की मनुह्स्य जीयेगा तो ही धर्म kaa पालन और उसका निरबाह करेगा । मैं शर्मसार हूँ कल के घटना जिसमे दो अमूल्य जीवन चिकित्सा से dur और विश्व हिंदू परिषद् के अमानविक व्यवहार से मृत्यु को प्राप्त हो गए। इसका मैं भारी मन से निंदा करता हूँ...

Tuesday, August 12, 2008

आना कभी दिल मे तो ...



आना कभी दिल मे तो दबे पाऊँ आना और चले जाना

दिल के अरमां को यूँ छेड़ जाना मुझे पसंद नहीं

खुदा भी तेरा दीवाना है ....

यूँ इस कदर हमसे नज़रे न मिलाया करो

अक्सर ऐसी माहोल मे प्यार पनपता है

हमें तो सहारा है चंद तिनको का और हैं जिन्दा बस दो पल

खामोखां यूँ ही हमपे ही ये बिजली यूँ ना गिराया न करो

हमें तो शक है अपने किस्मत और रब पे

जाने क्यों चैन-ओ-सुकून को मेरे उसे से ही बैर है

अब समझा के तेरे हुस्न का जादू कुछ इस कदर है के

क्या इंसान खुदा भी तेरा दीवाना है ....

Monday, August 11, 2008

1st Gold and counting...


Today just got to know that Abhinab Bindra Has won first Gold Medal in any individual event for the country... Making History he writes in his blog under the heading " Now we are Officially welcomed" Bindra writes about the hectic schedue he is currently experiencing ang the way he is going to rest after the event. His Parent's special prayers at a Gurudwara has been answered with the Gold medal. This is the First gold medal ever won by any indian in any individual event.

This is a perfect gift for the country on the eve of the forth coming Independence Day. Gagan narang the ace shooter stood 9th in the event where all 51 participants were there across the globe. This is a jaw shaking news for all indians and we should be proud of the same. With the other events where we are hardly putting any impact on the word Bindra shoot the bull's eye with perfect 104.5 points to win gold. Bindra with the Gold medal in his hands and the national anthem being played it was really a sentimental momment for every indian.


For the full summary of the event please click on the link mentioned below.


Men's 10m Air Rifle (60 shots) - Official ResultsOfficial Results : Shooting
Men's 10m Air Rifle (60 shots) Final

Abhinav Bindra India ( Gold)
Qinan Zhu China ( Silver)
Henri Hakkinen Finland ( Bronze)

We simply thank you Bindra....

cheer up man.

Yesterday was a glorious day as it gave India two other Medals in teh On going Beijing olympics. The day before yesterday when Akhil Kumar Lost his match followed by jitender's loss the indian hopes got shaked but yesterday as Boxer bijender's day as he secured his position in the Semifinals makin sure a medal for india. now he is aiming ro win Gold and make us proud.
Secondly the Arjuna awardee Sushil Kumar won his match in freestyle Wrestling Competition to wina Bronze medal for India. The ace wrestler made history when he won a Bronze medal where he did not get the basic facilities to practice the game. Now When he has won a medal everybody is backing him and awarding him but if we could provide them the basic facilities then I am sure we can get a huge bunch of Medals in games of international repute...

Saturday, August 09, 2008

- एक आदत बन गयी है -



गर बात महफिल की हो तो वक्त का तकाज़ा जरुरी तो नहीं

बेवक्त दर्द और ख्याल उनका एक आदत बन गयी है

दबाओं को भी अपने साथ कर रखा है !!!


ज़ख्मो का यूँ बे इंतेहा बढ़ना तो हम पूछा किए

मालूम हुआ के जालिम ने दबाओं को भी अपने साथ कर रखा है !!!

Friday, August 08, 2008

एक सावन बसा रखा है


वही श्याम वही रात और वही चांदनी

कुछ अलग है तो बस, ये बहती आँखें

इनमे तन्हाई और चाहत मे का बसेरा ...

कितने गुज़रे पर आज भी एक सावन बसा रखा है

एक सवाल वो दे गयी



ढलती निगाहों से कुछ लव्ज़ ऐसे वो केह गए

मुझे तमाम ज़िन्दगी बस एक सवाल वो दे गए

Thursday, August 07, 2008

रिश्ता मज़बूत बना रखा है



देके वास्ता खुदा का दूर ज़िन्दगी से कुछ ऐसा हुआ

खुदाई देखो रब की के एक रिश्ता मज़बूत बना रखा है

Wednesday, August 06, 2008

झम झम बरसे

केह्दो उन फिजाओं से बरसना है तो झम झम बरसे

बूंदों के मोहताज़ हो वो हम नहीं ,

हमने तो समंदर आँखों मे पाला है

अब दरिया की गहराई काफी नही

* * *


Tuesday, August 05, 2008

हम शिकार पे निकले हैं ...


केह्दो उन हवाओं को के अपना रुख मोड़ लें और रहे खुद हमसे दूर
हमने तो अब आशियन अपना जमाया है और हम शिकार पे निकले हैं ...

खुदा पानी बरसता है



उतारने क़र्ज़ ज़मीन का देखो कैसे खुदा पानी बरसता है
अस्कोँ की बूंदों से जैसे झुक के उसके कदम चूमता है

काफिर है मोहब्बत के

वो तो काफिर है मोहब्बत के जो प्यार भूलते हैं
हमने तो ख़ुद रूह अपना उनमे पाया है

Jet Airways Introduces Attractive Advance Purchase (Apex) Fares On Domestic Sectors

Jet Airways announces the introduction of Apex-21,special advance purchase fares for passengers travelling in Economy Class on several of the airline’s domestic routes.
These fares are available for purchase worldwide,effective August 1,2008,and reservations can be made through Jet Airways offices & travel agents.Bookings for these fares must be made at least 21 days prior to departure date of the first segment.In case of cancellations,the Basic fare is non refundable.However,the applicable tax component is refundable.
For more clarity you can reach the following people…

Jet AirwaysPublic Relations

New Delhi & Mumbai, IndiaJuly 2008

Jet Airways (I) Ltd
Ragini Chopra

Vice President – Corporate Communications & PR

New Delhi, India

Tel: +91-11-4164 5080Fax: +91-11-4609 5084

raginic@jetairways.com
A.K. Sivanandan

Sr. General Manager – PR

New Delhi, India

Tel: +91-11-2652 3357 Fax: +91-11-2652 3348

asivanandan@jetairways.com
Srirupa Sen

Manager – PR

Mumbai, India

Tel: +91-22-2852 3648Fax: +91-22-2920 4437

ssen@jetairways.com
Jet Airways (India) Ltd. S.M. Centre,

Andheri-Kurla Road,Andheri (East),

Mumbai - 400059 India

Phone: +91 22 4019 1000Fax: +91 22 2920 1313

http://www.jetairways.com
( this picec of information has been put from Internet)

Monday, August 04, 2008

Recruiting Mistakes ( Gender Bias)

I remember the annual speech of Th ex prime minister of India Mr. Atal Bihari bajpai in one of the addressing speech to the nation that his Government was coming up with 20000 new jobs in Govt Sector but he had asked the youth to be independent and keep their eyes wide open for the huge upcoming Private sector. I was a Enthusiastic student then and was aspiring to have a bright future. I completed my studies and entered in to the Private sector and i knew that i have do it myself as my college was not providing Placement services then. I did it through facing many a Interviews and choose my path to today's place. As i choose Human Resource as the Profession I feel its a responsibility most shouted in the industry. When you are asked to recruit n number of People with a certain skill set your calibre and the time spent in recruiting the same is all that counts with the most Cost officiant way for the firm you work for. I have managed to achieve the same to reach my organizational Goals. But at this juncture of my career where i have interviewed thousands of people and have taken decisions on recruiting or not recruiting I find a big question to be answered. I have often met and discussed the situation with my counterparts in different companies. The question being the Gender bias in recruitment in Different sectors and its the most in the Private sector (As we dont have any reservations in this area and Govt sector and PSU's are having the least affected to gender bias in Recruitment). You take a note that when a Female candidate applies for the same position for which a male candidate has been interviewed in 90% cases the female candidate has been offered a better compensation package. Even the recruiter finds the same skill set in both the interviews but he offers a better package to the female applicant. You may lobby it by saying that the Female employee has a better Communication skill and flair to handle the JD effectively but i would defend by saying that still three are biased decisions on the same topic. SO the recruiter's prospective has to be changed and I would urge to the upcoming and existing recruiters pool to see it as an improvement area and act accordingly. Above all i would say that the best fit in the said JD should be recruited with out a gender bias. This may be for an instance to encourage the female population to aply for the existing position but one cannot take it for granted that male candidates are underdogs. overall i would suggest to keep performance and output as the decision making factors on the work front. Then only we will have the right blend to succeed in the fast changing and competitive world. I wish you won't take it otherwise. For a healthier discussion your inputs are always welcome.
thanks
- jr

Saturday, August 02, 2008

तो क्या पाओगी


मुझसे जीतोगी तो क्या पाओगी
कभी हारो दिल अपना तो माने ...

- तो बताना -

गर हो वो सामने तो सरापा उसका चूम लूँ
ओझोल हो फिर आँखों से तो बताना ...