Saturday, November 01, 2008

निशान-ऐ-शम्मा बुझा रक्खा है !!


जोड़ा है रिश्ता चाँद से हमने ज़मीन से और है भरोसा मोहब्बत पे अपना
आयेगा एक दिन श्याम को ही जान निशान-ऐ-शम्मा बुझा रक्खा है ...

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