Saturday, November 01, 2008

गरूर मोहब्बत का ...

गरूर देखो मोहब्बत का, जालिम ने कदमो पे जमीन और सर पे आस्मां उठा रखा है
करके कम्बखत दिल की बातें मजार पे मेरे खुदा को बुला रखा है ।

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