Thursday, March 26, 2009

माँ त्राहिमाम ...


वंदे शिम्हारुधा देवी खड्ग खर्पर धारिणी

दुर्गति नाशिनी दुर्गा आद्याशक्ति सनातनी

शरणागत दीनार्ता परित्राण परयानेँ

सर्वस्यार्ति हरे देवी नारायणी नमोस्तुते । ।

आज सुबह मेरा जलाया धुप बती माँ के आसनसे निचे गिर गया तो मैं समझ गया के कोई गलती हुई है मुझसे। कुछ दिनों पहले एक बुरा सपना भी आया था तो मैंने माँ से गुहार लगायी थी । शायद ये उसका जवाब है । मैंने मम्मी को भी बताया था सपने के बारे मैं तो मम्मी ने भी यही कहा था के उससे गुहार लगाने को पर आज लगता है माँ ने फ़ैसला कर दिया है। हे माँ भैरबी, जगत्जननी, आंबे, गौरी, कमला, बागला, अपराजिता,महाकाली चंडी, चामुंडा,धूमावती, मातंगिनी , छिन्नमस्ता, उग्रतारा त्रिपुरसुन्दरी ... माँ त्राहिमाम ...

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