आज बड़े दिनों के बाद कुछ अच्छा पढने को मिला है जो दिल को छु गया है... दोस्तों क्या कहूँ ऐसा कुछ पढता हूँ तो मन खुस हो जाता है ... दोपहर मैं ऐसे ही किसी सज्जन का ब्लॉग पढ़ रहा था के एक दो पंक्तियाँ मेरे दिमाग के खिड़की से गुज़र के दिल को छु गई...ज़रा सुनिए क्या लिखा था
" क्यों हिलाते हो कब्र आम आदमी का तुम
अभी भी वो दो वक़्त की रोटी की जुगाड़ मैं है "
वाकई ..किस गहराई से लिखा है लिखने वाले ने...
बहत खूब
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