हाँ दोस्तों दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी ओसामा bin लादेन को सोमवार को अमरीकी सुरक्ष्य बालो की एक टुकड़ी ने मर गिराया। कहा जाता है की इस्लामाबाद से ५० किलोमीटर की दूरी पर स्थित अबूताबादजो की पाकिस्तान का एक सैन्यस्तल भी है वहां सोमवार देर रात ओसामा को मर गिराया गया। एकालिशन माकन जो की पाकिस्तानी सैन्य स्तल के देरे मे अत है वहां ओसामा दो बीवी और ४ बचूं के साथ रहता था और गुप्त सूत्रों की हवाले से जब ये जानकारी ओबामा प्रशासन को मिली तो तुरंत कारवाही करते हुए स्वतंत्र सेना बल की एक टुकड़ी ( करीब ४० ) दो हेलीकाप्टर से उस बंगलो के पास उतारे गए और ४ घंटे चली इस ऑपरेशन में ओसामा के साथ ४ लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। वारदात के समय वहां पे मूल ११ लोग मौजूद थे और ऑपरेशन के तुरंत बाद अमरीकी सेना ने ४ लोग जिनको की जिंदा पकड़ लिए गए थे उन्हें लेके रवाना हो गए।
देर रात अमेरिका की राष्ट्रपति बराक ओबामा ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा के ओसामा मारा जा चूका है और येये एतिहासिक घोषणा इस तराह हुआ के "justice has been done" इसीके साथ ही सितम्बर २००१ को हुई हमले मे मारे गए ३००० मासूम लोगों के साथ न्याय हुआ है।
खबरों के मुताबिक ओसामा को दो गोलियां लगी और उसके मरने पर अमरीकी सेना ने उसकी डीएनए जाँच भी की और जब ये तय हुआ की यही ओसामा है तो उसे वहीँ समंदर मे दफ़न भी कर दिया गया। उसके दो बीवी मे से एक की हाल पर ही मौत हो गई जबकि दूसरी जिसके पैरों मे गोली लगी है वो पाकिस्तान के कब्ज़े मे चिकित्शाधीन है। अम्रिणी सचिब के बयान से हवाले से ये पता चला है की पाकिस्तानी सरकार और सेना को इसकी बिलकुल भी भनक नहीं लगने दिया गया था और ये पूरी तरह अमरीकी ऑपरेशन था।
अब जब ओसामा की आत्मा ही रेह गई है अब भी कई सवाल है जो की कुछ रहस्यों की त्ररफ इशारा कर रहे हैं जैसे की ओसामा सच में मारा जा चूका है ( कोई फोटो जरी नहीं किया गया है) और उसे समंदर मे क्यूँ दफनाया गया और जो लोग जिंदा पकडे गए थे वो कौन थे ? पाकिस्तान भी अब कटघरे मे खाडा दिख रहा है क्यूँ की ओसामा आर्मी छावनी वाले कैसे रेह रहा था और इसकी खबर पाकिस्तानी सरकार को थी तो क्यूँ नहीं अमेरिका को बताया गया ... अब जबकि अमेरिका के लोग खुसी मना रहे है कुछ रूढ़िवादी और आतंकवादी पाकिस्तान और अफगानिस्तान मे शोक भी मना रहे हैं। खैर जैसी करनी वैसी भरनी अब अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा भी शायद अपना दूसरा कार्यकाल भी पूरा कर लेंगे ( चुनाब जो अरे रहा है )। पर क्या अमेरिका अब अपनी पाकितानी नीतियों मे बदलाव लायेगा , क्या bharat को संयुक्त राष्ट्रों की स्थाई सुरकश्या परिषद् मे स्थाई सीट के लिए समर्थन देगा ? सवाल अनेक है जवाब कौन देगा ?
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