मे उस दिन बिस्तर से उठ के बैठ गया। न न किसी कीड़े ने नहीं काटा मुझे और ना ही किसी ने मुझे बुलाया था। ये तो जलवा था पैरों का जो गेंद को बड़ी ख़ूबसूरती से इधर से उधर ले के जा रहे थे। टीवी के सामने मे चिपका हुआ था शाम से और मेरे सामने दो बेहतरीन टीम खेल रही थी५ बार का चम्पिउन ब्राज़ील और उसको टक्कर दे रही थी युबा दिलों की धड़कन च्रिस्तिअनो रोनाल्डो की पोर्तुगल। दोनों तरफ से प्रयास चल रहा था गोअल करने का मगर सफलता किसीको नहीं मिल रही थी। ब्राज़ील की टीम नपी तुली पास दे दे कर आरमान कर रही थी तो पोर्तुगल की पूरी टीम गोअल बचने और प्रत्याघात मे जुट गया था। एक बात तो मैंने नोट किया के ब्राज़ील की टीम बड़ा सम्मिलित होके और समन्वय से खेलती है और मुझे उनका कल अछा लगा। पर मुझे नहीं लगता की ब्रजल ये कप जीतेगा। कप का दूसरा प्रबल दाबेदार माना जा रहा है आर्जेन्टिना जिसकी कमान सम्हाले हुए हैं खुद माराडोना। माराडोना जो की १९८६ मे आपने देश को बिश्व कप दिला चुके हैं उनके पास मौका है के फिर से अपने देश के लिए ये खिताब जीतने का। उनके पास है मेस्सी जैस खिलाडी जो की fifa player of the year घोषित हो चुके है और समालोचनाकरने वाले कहते हैं की यह आज के माराडोना हैं। पर मैंने उनकका भी खेल देखा पर मुझे नहीं लगता के ये भी जीत सकते हैं। हाँ ये भी हो सकता है की मुझे किसीका का खेल ही अछा न लगता हो । खैर मुझे क्या पर मे चाहता हूँ की argentina & Brazil फिनाल मैच मे खेलें और हम लोग मज़ा उठायें।
सुन्दर लेखन।
ReplyDeleteदेखते चलिए..कोई भी जीते मगर देखने का रोमांच अलग ही है.
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