आज सुबह की पहली किरण के साथ नीतू(मेरा छोटा भाई) ने दिल्ली को सलामी देते हुए घर को चला गया... किस्मत भी क्या चीज़ है यारा कहाँ कब किस की पलटटी है कौन जनता है॥ कहते है की एक लम्हा काफी है और ये मैंने आज महसूस किया। आज को एक साल पहले वो दिल्ली आया था एक सुनहरी भविष्य के तलाश मे और उसको मिली भी। ठीक ६ महीने उसने यहाँ एक कंपनी मे जॉब भी किया और खुस था॥ पर अचानक सितु के घर से बहार जाने से वो भी घर के आस पास जाना चाहता था उअर उसको मौका भी मिल गया।
अब वो बंगलोर के ऊँची इमारतों के बीच अपनी उज्जवल और नवस्चुम्भी भविष्य को तलाशेगा .कल वो थोडा दुखी भी था यह सोच के क्या होगा।
बिदाई तो दी उसने मगर थोडा परेशान था..इश्वर उसकी राह आसान और सफल बनाये ...
ये ब्लॉग उन लोगों को समर्पित है जो जीवन के प्रतिस्पर्धा मे आगे बढ़ने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं । उन्हें पता है की उनके पास कोई जादुई छड़ी नहीं है और ना ही कोई ऐसा है जिसकी छत्रछाया मैं रहके या जिसके स्पर्श मात्र वे आस्मां की बुलंदियों को जीत लेंगे , परन्तु ये ख़ुद मे भरोसा करते है और अपने क्ष्य्मता और परिश्रम के बल पर सारी दुनिया जीतने की ताक़त रखते हैं। ये ब्लॉग उनके सपनो को और उनके हौसले को सलाम करता है और इश्वर से यही प्रार्थना करता है की सफलता हमेशा इनके कदम चूमे ...
Sunday, January 31, 2010
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