कल रात को ऑफिस से घर पहंचते पहंचते दोस्त का फ़ोन आया और बोला के मिलने आजा । मौसम भी अछा था तो मैं उसके वहां चला गया । देर तक बैठा रहा और बातें चलती रही। रात सादे आठ बजे मैं वहां से निकला और घर पहंचते पहंचते सादे नौ से ज्यादा हो चुका था। दीमाग का दही और कपड़ो का गर्मी के मारे बुरा हाल हो चुका था। खाना बनाने की मूड ना होते भी हमने खाना बनाने की थान ली ( क्यों के होटल सारेमैं पीछे छोड़ आया था). आज मैं आप लोगों को मेरी सबसे प्रिया व्यंजन बनने की बिधि बताऊंगा। इससे पहले आपको सारे चीज़ों को इकट्ठा कर लीजिये।
आलू भजा
- दो आलू ( २५० ग्राम)
- थोड़ा खाने का तेल
- नमक
- मिर्च पाउडर
- हल्दी पाउडर
बड़े बड़े दो आलू ले लें। उनको लंबा लंबा बारीकी से काटे और पानी मैं भिगो दें।
सबसे पहले आलू अपने मर्जी से जैसे भी काटना हो वैसे काट के पानी मैं भिगो दें। एक बड़ा प्याज भी काट लीजिये। अब कडाई को बर्नर पे रखिये और गैस चालू कीजिये। अब जब कदारी थोड़ा गर्म हो जाए तब उसमे थोड़ा तेल डालिए और गरम होने पर थोड़ा जीरा और सरसों डालिए। अब इंतज़ार कीजिये सरसों उबलने का फिर उसमे कटी हुई प्याज डाक दीजिये और उससे हिलाते रहिये। प्याज कडाई मैं लाल होने तक उसे फ्री कीजिये। उसके बाद उसमें कटा हुआ आलू दाल दीजिये। अब स्वाद अनुसार हल्दी पाउडर, मिर्च पाउडर और नमक दल के अछी तरह से मिक्स कीजिये। अब एक ढक्कन से कडाई को धक् दीजिये। ठीक ३ मिनट बाद उसे फिर से अची तराह से मिक्स करो फिर आलू पकने तक इंतज़ार करो। फिट इसे गरम गरम परोसे...
भाई देखो हम कोई शेफ या खानदानी बावर्ची तो है नहीं और ना हमारी शादी भी हुई है । अब अछा लगे बुरा लगे हमें भूक को तो जड़ से समाप्त करना है ...इसलिए आँख कान बंद करके चवल या रोती के साथ खाने का मज़ा लीजिये और हमें माफ़ कीजिये। अल्लाह मालिक ...
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