बड़े दिनों के बाद आज KK का "अरे यारों " वाला गाना सूना तो कुछ पल के लिए कॉलेज वाले दिन याद आई। वाकई क्या दिन थे वो। ……. ना कोई फिक्र और ना कोई सोच। ….
आवारा पंछी की तराह सब घुमा करते थे और क्या दिन क्या रात अपनी ही धुन में कहीं खोये रहते थे. पर हाँ एक जो Bonding थी वो शायद आज भी कहीं है दिल के किसी कोने में और साले दोस्त भी भले ही touch में नहीं है पर साले वो दिन भी क्या दिन थे.….
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