आजकल सूरज थोडा धीमा जलता है और तो और बहूत रोता है...ख़ास कर रातों में बहूत रोता है ..जिसकी वज़ह से रस्ते भी गिले मिलते हैं मुझे. सुबह सुबह उठने में भी बड़ा आलस महसूस होता है.
अरे कुछ नहीं हुआ मुझे ...बस में तो यह केह रहा था के आज कल चेन्नई में धुप थोडा कम हो रहा है और बारिश भी हो रही है...और तो और इन दिनों सुबह उठने में बड़ी दिक्कत होती है. ऑगस्ट का महिना पार होते ही त्योहारों का माहोल सुरु हो जाता है. रक्ष्या बंधन के पीछे पीछे गणेश चतुर्थी और यिद भी चला गया. अब लोगों का इंतज़ार है तो दशेरा और दिवाली की है...
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