Saturday, February 19, 2011

Happiness ; can anyone define it


Happiness ; can anyone define it. I thought a lot and then as usual googled it to get the following result" happiness is a state of mind or feeling characterised by contentment,love,satisfaction, pleasure or joy". for sure nobody wants to have this definition of Happiness. खैर मुझे क्या , में तो वैसे भी खुस रहता हूँ बिना वजह। मुझे बस दो आलू के पराठें मिल जाये तो में खुस तो किसीको छप्पन भोग मिले तो भी वो दुखी। मुझ जैसे मेंढक पे अच्छे खाने की बारिश करो तो में खुस तो राकेश जैसे कुछ मेंढकों पे Blackberry की बारिश करो तो वो खुस। खुसिओ के लिए हर एक के पास अपना वजह होता है और होना भी चाहिए। आप सोच रहे होंगे ज्यादा हो गया भाषण...तो माफ़ी चाहूँगा। दर असल हुआ यूँ के कुछ दिनों से में एक senior level का बन्दा ढूंड रहा था और वो मुझे मिल नहीं रहा था पर kal पूरे din के मेहनत के बाद मुझे वो profile मिला जो मेनेजर को पसंद आया और शाम होते ही जब मैंने उस मेनेजर का phone receive किया तो एक चमक सी मरे चेहरे पे दिखी। जैसे आंधी मे बिजली चलती है वैसे ही मेरे लबों पे एक मुस्कान कुछ मिली सेकंड के लिए दौड़ गयी। ये एक अजीब सी खुसी थी और क्यों की ये दिन भर की खीच खीच के बाद मिली थी तो उसकी एहमियत कुछ बढ़ गयी थी। बस मुझे और क्या चाहिए था ..चुप अपना कंप्यूटर बंद किया और ऑफिस से निकल गया। अपने ही धुन में एक पसंदीदा धुन गुनगुनाते हुए में स्टेशन की तरफ चल पड़ा।

शायद ये वो चीज़ होती है जो आदमी का मनोबल और आत्मबिस्वास बढ़ता है। और ये भी सच है की ऐसी ही कुछ खुसी ही आदमी मे कुछ और भूक जगाती है और इस ललक में वो आजीवन सफलता का पीछा करता है और करता रहेगा।

पुकारता चला हूँ में ... गली गली डगर डगर

No comments:

Post a Comment